Monday 1 June 2020

डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर' के माँ पर विशेष हाइकु

1-
पिता का ख़्वाब
माँ ने दिया हौसला
मुठ्ठी में नभ।

2-
सीख अमोल
नेह की नभगंगा
माँ की घुड़की।

3-
टला संकट
लौटा प्रवासी पूत
मुस्कुरायी माँ।

4-
सुख क्या दुख
पोर-पोर ज़िन्दगी
काट गयी माँ।

5-
खलता मौन
बेटे नहीं उठाते
अम्मा का फ़ोन।

6-
देता झिड़की
तो भी चाहती अम्मा
पूत का शुभ।

7-
बहुत रोयी
बिछड़ा जब वह
आख़िर माँ थी।

8-
प्यार ही प्यार
हर सीमा से परे
मम्मी का प्यार।

9-
घंटों से रोता
चुप हो गया डुग्गू
माँ की थपकी।

10-
प्रेम, करुणा
धैर्य, क्षमा, साहस
सब कुछ माँ।

© डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
doctor_shailesh@rediffmail.com