Monday 27 July 2020

बाबा तुलसीदास : डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'


शब्द-शब्द नव चेतना, छन्द भरें उल्लास। 
कवियों में सिरमौर हैं, बाबा तुलसीदास।।

कालजयी है लेखनी, अतुल शब्द विन्यास।  
रचे अनूठे छन्द जो, बाबा तुलसीदास।।

मिले अनोखी शान्ति तब, फैले मधुर सुवास।
हमने जब भी पढ़ लिया, बाबा तुलसीदास।।

मानस की चौपाइयाँ, हरतीं दुख-संत्रास।
दिये हमें संजीवनी, बाबा तुलसीदास।।

राम नाम का मन्त्र है, जीवन का विश्वास। 
शब्द-शब्द में कह गये, बाबा तुलसीदास।।
© डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
veershailesh@gmail.com 
27/07/2020

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