Monday 3 July 2023

गुरु महिमा/गुरु पूर्णिमा विशेष हाइकु : डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'

पाकर ज्ञान 
मूढ़ बने विद्वान 
गुरु महान।

गुरु प्रेरणा
सिखाती सदा प्रेम
मिटती घृणा।

गुरु ने छुआ 
एक कण धूल का
अम्बर हुआ।

बढ़ी गरिमा
बौना हुआ विशाल 
गुरु महिमा।

शिष्य ज्यों नौका
गुरु ज्यों पतवार
लगाता पार।

नीचे गगन 
शिखर पर शिष्य 
गुरु मगन।

© डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)

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