Sunday, 14 September 2025

भालू दादा एमबीबीएस/डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर' की बाल कविता


बन्दर जी ने ढाबा खोला,
बेच रहे हैं पूड़ी छोला।

बनकर टीचर बकरी रानी,
बना रही है सबको ज्ञानी।

भालू दादा एमबीबीएस,
ऊँचा है उनका स्टेटस।

ऊँट विधायक बनकर छाया,
राजनीति में नाम कमाया।

चारों ने की साथ पढ़ाई, 
अलग-अलग पहचान बनाई।

- डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
18/17, राधा नगर, फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
पिन कोड- 212601
मोबाइल- 9839942005
ईमेल- editorsgveer@gmail.com

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