1-
जो लोग
हिन्दी के नाम पर
चाँदी काटते हैं,
वे भी अब
अपने बच्चों को
अंग्रेज़ी में
डाँटते हैं!
हिन्दी के नाम पर
चाँदी काटते हैं,
वे भी अब
अपने बच्चों को
अंग्रेज़ी में
डाँटते हैं!
2-
अंग्रेज़ी का रुतबा
कब घटा है,
बस उत्तर धड़ा
दक्षिण धड़ा
आपस में
बँटा है!
3-
हिन्दी के कवि को
पत्नी रोज़ तोलती है,
जब अंग्रेज़ी में
'शटअप' बोलती है!
4-
हम प्रतिवर्ष
हिन्दी दिवस
मनाते हैं,
और फिर
सालभर
अंग्रेज़ी की
बंसी बजाते हैं!
5-
नयी पीढ़ी के लोग
सुबह से शाम तक
अंग्रेज़ी में बड़बड़ाते हैं,
ये बात और है
आधा ख़ुद ही नहीं
समझ पाते हैं!
6-
वे/हिन्दी में सोचते हैं
हिन्दी में हँसते-गुस्साते हैं,
विदेशी अनुभव
अंग्रेज़ी में सुनाते हैं!
7-
दादी भी जब से
सी फॉर कैट
और डी फॉर डॉग
जानने लगी है,
अंग्रेज़ी में बतियाने लगी है!
8-
देश का उत्तरोत्तर
विकास हो रहा है,
यह बात और है
हिन्दी का ह्रास हो रहा है!
9-
अंग्रेज़ी के कद्रदान
अपना भाषण
हिन्दी में
दूसरों से लिखा रहे हैं,
हिन्दी दिवस
मना रहे हैं!
10-
अगले वर्ष हम
फिर हिन्दी दिवस मनायेंगे,
और चद्दर तानकर
साल भर के लिए
फिर सो जायेंगे!
© डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
editorsgveer@gmail.com
बहुत सुन्दर👌👌
ReplyDeleteबढ़िया....
ReplyDeleteवाह आदरणीय ,बहुत सुंदर और सार्थक क्षणिकाएं।
ReplyDeleteसारगर्भित सुन्दर क्षणिकाएं
ReplyDeleteडॉ० साहब हिंदी पर बेहतरीन क्षणिकाएं ,हार्दिक बधाई
ReplyDeleteअत्यंत सार्थक एवं भावपूर्ण अभिव्यक्ति सर 🙏🌹हिंदी दिवस तो हम प्रतिदिन मनाते हैं 😊🙏🌹यही संकल्प लिए हम आगे बढ़ सकते हैं 🌹🙏
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