Monday 22 March 2021

विश्व जल दिवस पर विशेष हाइकु : डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'

जल-जीवन 
व्यर्थ हैं जल बिन
'शुक्र'-'मंगल'।

जल-चेतना 
अद्भुत-अनमोल 
जीवन्त सृष्टि।

जब बचेंगे
जंगल-जलाशय
बचेंगे हम।

जल-रक्षण
अति-आवश्यक
सुखी भविष्य।

जल के साथ 
जिये कल की पीढ़ी
रोप दो पौधे।

जल अस्तित्व 
जल गढ़े जीवन 
जल सर्वस्व। 

निहित प्राण
बूँद-बूँद जीवन  
जल प्रमाण।

जल-आधार 
बूँद-बूँद बचाओ
पुण्य कमाओ।

© डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
doctor_shailesh@rediffmail.com 

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