भाषण में
कल बोल रहे थे
नेता रामधनी।
जिनके घर के कुत्ते करते
बाथिंग टब में मौज
पूल नहाने जाते लेकर
नौकर-चाकर फ़ौज,
पानी पेरिस से मँगवाते
कोरा ज्ञान
बाँटते हर क्षण
सपना हनी-मनी।
दोनो मीटिंग पानी मिलना
जिस बस्ती में ख़्वाब
आलीशान खड़ा है बँगला
पाट दिया तालाब,
ऊपर तक है पहुँच मुकम्मल
न्यूज़ बताती
उनके दम से
फिर सरकार बनी।
जिनके कारण प्यासे तड़पें
आती तनिक न शर्म
पानी-पानी ख़ुद पानी है
ऐसे जिनके कर्म,
शोषित पूछ रहे प्रश्न मगर
वे क्या देंगे उत्तर
जिनकी
आँखें ख़ून सनी।
© डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
18/17, राधा नगर, फतेहपुर (उ. प्र.)
पिन कोड- 212601
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