Monday 7 March 2022

चोका - डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'

बोले बाबूजी
उमस बहुत है
चलो घूमने,
महका कोना-कोना 
चहके बच्चे 
सब लगे झूमने,
चाचू चहके
चहके दादा-दादी 
करेंगे मस्ती
और गाँव की सैर,
खायेंगे आम
वट की छाँव तले
आता आनन्द 
वहाँ नदी में तैर,
सेल्फ़ी भी लेंगे 
कुछ नया करेंगे 
सभी झूमते
अपनी कहकर,
वहीं रुकूँगा
आख़िर बाबूजी ने 
रख ही डाले
दो कुर्ते तहकर,
ए जी! दो साड़ी
रख लेना मेरी भी
अभी काम है
छुटके के बाबूजी! 
सबने देखा
मुस्कानों की टोली का
कर स्वागत
अम्मा लेकर आयी
कुछ खाने को
खिले हुए चेहरे 
ख़ुश जाने को-
होने लगी तैयारी,
खाकर सब्जी-पूरी।
© डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
18/17, राधा नगर, फतेहपुर (उ. प्र.) 
पिन कोड- 212601

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