Wednesday 15 March 2023

महासमुद्र में : डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'

अद्भुत - अद्भुत 
अकल्पनीय 
अनिर्वचनीय 
है-
उसका/मेरा 
तादात्म्य।
निःसन्देह!
कौन है वह 
..........
..........
अन्तिम सत्य 
जीवन.....जीव 
.....आनन्द 
(चरम-क्षणिक)
(परम-स्थायी)
जो भी हो 
मिट जाता है 
देह का अस्तित्व 
आत्मा विलीन हो जाती है 
महासमुद्र में।

© डॉ. शैलेष गुप्त 'वीर'
18/17, राधा नगर, फतेहपुर (उ. प्र.) 
पिन कोड- 212601
मोबाइल- 9839942005
ईमेल- veershailesh@gmail.com

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